RBI on Indian Rupee: पिछले कुछ महीनों के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी में बड़ी गिरावट देखी गई और कई बार यह ऐतिहासिक निचले स्तर पर चला गया. रुपये में आई इस गिरावट से देश की इकोनॉमी पर पड़ने वाले विपरीत असर को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सक्रिय हुआ. उसने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट को कम किया जा सके या फिर उसे काफी हद तक सीमित किया जा सके.
आरबीआई ने उठाए कदम
आरबीआई ने एक्सचेंज रेट में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट को रोकने के लिए अगस्त में 7.7 अरब अमेरिकी डॉलर बेचे. आरबीआई के ताजा बुलेटिन में प्रकाशित अमेरिकी डॉलर की बिक्री और खरीद के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में केंद्रीय बैंक की अमेरिकी डॉलर की शुद्ध बिक्री 7.69 अरब अमेरिकी डॉलर रही, जो पिछले महीने की तुलना में लगभग तीन गुना है.
आंकड़ों के मुताबिक, केंद्रीय बैंक ने जुलाई और अगस्त में अमेरिकी डॉलर नहीं खरीदे. RBI का घोषित रुख यह है कि वह रुपये-डॉलर विनिमय दर के किसी स्तर या दायरे को लक्षित नहीं करता, बल्कि विदेशी मुद्रा बाजार में केवल तभी हस्तक्षेप करता है जब अत्यधिक अस्थिरता हो. अगस्त में डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट आई थी.
पिछले महीने में रुपये में बड़ी गिरावट
इसके बाद बढ़ते व्यापार तनाव, वैश्विक अनिश्चितताओं और लगातार विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की निकासी के बीच सितंबर में भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट दर्ज की गई थी. एक दिन पहले यानी सोमवार 20 अक्टूबर को विदेशी निवेशकों की लिवाली और कच्चे तेल की कीमतों में कमी के चलते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे बढ़कर 87.93 (अनंतिम) पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों (Forex Traders) के अनुसार, घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक धारणा ने स्थानीय मुद्रा को अतिरिक्त समर्थन दिया.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Forex Market) में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 87.94 पर खुला. दिन के कारोबार में यह 87.74 के ऊपरी स्तर और 87.94 के निचले स्तर के बीच उतार-चढ़ाव करता रहा. कारोबार के अंत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 87.93 (अनंतिम) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से नौ पैसे की बढ़त दर्शाता है.
रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.02 पर बंद हुआ था. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.1 प्रतिशत बढ़कर 98.53 पर पहुंच गया. वहीं, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.36 प्रतिशत गिरकर 61.07 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.