Lord Ayyappan: ब्रह्मा, विष्णु और महेश हिंदू धर्म में तीनों ही देवता प्रमुख हैं. देवों के देव महादेव के 2 पुत्र कार्तिकेय और श्रीगणेश हैं. जबकि भगवान शिव और श्रीविष्णु के एक पुत्र और हैं, जिनका नाम अय्यप्पन हरिहरपुत्र है.
अय्यप्पन भगवान शिव की अग्नि और विष्णु की कृपा धारण करते हैं. आइए जानते हैं शिव और विष्णु पुत्र अय्यप्पन से जुड़ी पौराणिक कहानी.
शिव और विष्णु की शक्ति का अंश अय्यप्पन
अय्यप्पन भगवान शिव और विष्णु के मोहिनी रूप के पुत्र हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है. शिव और विष्णु की कृपा से जन्मा यह बच्चा निडर, तेजस्वी और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से भरा, जिसके अंदर महादेव की शांति और नारायण की करूणा दोनों समाहित थी.
जब श्रीविष्णु ने मोहिनी अवतार का रूप धारण किया तो उनका मोहिनी रूप देवताओं को भी बांध सकता था. मोहिनी का शिव के साथ एकाकार होने पर शिव द्वैत विलीन पुरुष बन गए. मोहिनी प्रकृति बनी और उनकी एकता से अय्यप्पन का जन्म हुआ, जो पूर्ण तंत्र के अवतार माने जाते थे.
महिषी के नाश के लिए अय्यप्पन ने लिया जन्म
शिव और विष्णु के अवतार अय्यप्पन का जन्म महिषी के विनाश के लिए हुआ था. महिषी में ऐसी ताकत समाहित थी, जिसपर देवता भी विजय प्राप्त नहीं कर सकते थे. केवल शिव और विष्णु दोनों से उत्पन्न व्यक्ति ही महिषी का सामना कर सकता था.
अय्यप्पन केवल एक योद्धा के रूप में ही नहीं, बल्कि सभी दिव्य शक्तियों के बीच संतुलन के रूप में अवतरित हुए थे. अय्यप्पन के अंदर शिव की तपस्वी अग्नि और विष्णु की करुणामयी धारा जलती है.
अय्यप्पन सबरीमाला में निवास करते हैं, जो भक्तों के उत्थान के लिए एक जीवंत पर्वत है. यहां साधक साधना के बल से शरीर और मन से ऊपर उठकर भगवान शिव और विष्णु के साथ अय्यप्पन की कृपा प्राप्त करता है.
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