Women Unemployment Rate in India: समाज में महिलाओं की क्या भूमिका है इस बारे में कम या ज्यादा हम सभी जानते हैं. महिलाएं आत्मनिर्भरत बनेंगी, तो पूरे समाज का विकास होगा और समानता भी आएगी, लेकिन क्या हो जब देश में महिलाओं की बेरोजगारी दर तीन महीने के अपने हाई लेवल पर चली जाए.
Periodic Labour Force Survey (PLFS) के बुधवार को हुए खुलासे से पता चलता है कि सितंबर में 15 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों की बेरोजगारी दर में मामूली इजाफा हुआ, लेकिन महिलाओं के लिए यह तीन महीने के अपने हाई लेवल पर चली गई.
PLFS की डेटा से पता चलता है कि 15 साल और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों की बेरोजगारी दर पिछले दो महीनों में गिरावट के बाद अगस्त के 5.1 परसेंट से बढ़कर सितंबर में 5.2 परसेंट हो गई. वहीं, सभी आयु वर्गों के लिए यह दर अगस्त में 5.1 परसेंट से बढ़कर तीन महीने के हाई लेवल 5.3 परसेंट पर पहुंच गई.
गांवों में कैसी है हालत?
ग्रामीण क्षेत्रों में 15 साल और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए बेरोजगारी दर अगस्त के 4.3 परसेंट से बढ़कर सितंबर में तीन महीने के हाई लेवल 4.6 परसेंट पर पहुंच गई. वहीं, शहरी क्षेत्रों में यह दर अगस्त के 6.7 परसेंट से बढ़कर 6.8 परसेंट हो गई. ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों के लिए बेरोजगारी दर अगस्त के 4.5 परसेंट से बढ़कर सितंबर में 4.7 परसेंट हो गई, जबकि महिलाओं के लिए यह अगस्त के 4 परसेंट से बढ़कर 4.3 परसेंट हो गई. शहरी क्षेत्रों में, महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर अगस्त के 8.9 परसेंट से बढ़कर सितंबर में 9.3 परसेंट हो गई, जबकि पुरुषों के लिए यह 5.9 परसेंट से बढ़कर 6 परसेंट हो गई.
श्रम भागीदारी में दिख रहा सुधार
आंकड़ों से पता चला है कि 15 साल और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए समग्र श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) लगातार तीसरे महीने बढ़ती रही, जो जून 2025 में 54.2 परसेंट से बढ़कर सितंबर में 55.3 परसेंट हो गई, जो पांच महीने का हाई लेवल है. ग्रामीण क्षेत्रों में LFPR जून 2025 में 56.1 परसेंट से बढ़कर सितंबर में 57.4 परसेंट हो गई. शहरी क्षेत्रों में LFPR अगस्त के मुकाबले 50.9 परसेंट पर अपरिवर्तित रही. सितंबर में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग की महिलाओं के लिए LFPR 34.1 परसेंट थी, जो मई 2025 के बाद से हाई लेवल है.
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