बिहार के 2025 चुनाव में राजनीति फिर से अपने सामाजिक आईने में झांक रही है.यह सिर्फ वोटों की जंग नहीं, बल्कि उस सवाल का जवाब है कि सत्ता के केंद्र में कौन रहेगा और लोकतंत्र के प्रयोगशाला में जातिगत हिस्सेदारी के सवाल में किसे कितनी जगह मिल रही है.
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