Share Market News: लगातार बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) देश के प्राइमरी मार्केट का रूख कर रहे हैं. हालांकि, सेकेंडरी मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज से वे लगातार दूरी बना रहे हैं. आईपीओ मार्केट में विदेशी निवेशक अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.
1 जनवरी से 17 अक्टूबर, 2025 के बीच विदेशी निवेशकों ने देश के प्राइमरी मार्केट में 54,178 करोड़ रुपये (6.23 अरब डॉलर) का भारी-भरकम निवेश किया. उनमें नई लिस्टिंग को लेकर उत्साह है, लेकिन द्वितीयक बाजार में माहौल बिल्कुल विपरीत रहा है. इस दौरान विदेशी निवेशकों ने 2.02 लाख करोड़ रुपये (23.13 अरब डॉलर) के शेयर बेचे.
इस रूख को देखते हुए कहा जा सकता है कि विदेशी निवेशकों का सेंटीमेंट भारतीय शेयरों को लेकर पॉजिटिव बना हुआ है. इसके चलते ही बीते कुछ दिनों से शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है. कुल मिलाकर विदेशी निवेशक दो तरफा रूख अपना रहे हैं, एक तरफ आईपीओ और एफपीओ में जमकर पैसा लगा रहे हैं और सेकेंडरी मार्केट से दूरी बना रहे हैं.
क्यों विदेशी निवेशक अपना रहे दोहरी रणनीति?
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, "प्राइमरी मार्केट में वैल्यूएशन सेकेंडरी मार्केट के मुकाबले काफी सस्ता बना हुआ है, जिससे एफपीआई आईपीओ में निवेश कर रहे हैं. बीते कुछ सालों से यह ट्रेड देखने को मिल रहा है.''
विजयकुमार ने कहा कि प्राइमरी मार्केट में विदेशी निवेशकों को योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के तहत प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट मिलता है. उनके पास एक गारंटीड इंवेस्टमेंट होता है. उन्होंने यह भी कहा, भारतीय शेयर बाजार बाकी देशों के मुकाबले महंगा होने की वजह से विदेशी निवेशक सस्ते बाजारों का रूख कर रहे हैं, लेकिन प्राइमरी मार्केट में उनका भरोसा कायम है.
प्राइमरी मार्केट में विदेशी निवेशकों का भारी दांव
2024 में एफपीआई ने प्राइमरी मार्केट से 1.22 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि उन्होंने सेकेंडरी मार्केट में 1.21 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे. प्राइमडेटाबेस.कॉम की डेटा से पता चलता है कि इस साल अब तक 81 कंपनियों ने पहली बार निवेशकों को अपने शेयर जारी करके 1.21 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि पूरे 2024 में 91 कंपनियों ने 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे.
अकेले इसी महीने सात कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 35,646 करोड़ रुपये जुटाए. कुछ बड़े आईपीओ में टाटा कैपिटल लिमिटेड (15,512 करोड़ रुपये) और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड (11,607 करोड़ रुपये) शामिल हैं.
नए सेक्टर्स में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वाटरफील्ड एडवाइजर्स में हेड ऑफ इक्विटीज के सीनियर डायरेक्टर विपुल भोवार ने कहा, "एफपीआई अक्सर नए सेक्टर्स और थीम में निवेश करना चाहते हैं जिनमें ग्रोथ की संभावना मजबूत हो. इस वजह से, कई एफपीआई पुराने थीम में अपनी हिस्सेदारी बेचकर या घटाकर अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस कर रहे हैं और प्राइमरी मार्केट में उभर रहे नए थीम में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं. इससे एफपीआई के सेकेंडरी मार्केट में बिकवाली करने और प्राइमरी मार्केट में भाग लेने का चलन बढ़ रहा है.''
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