अमेरिका की टैरिफ नीति के बीच इन दिनों देश में स्वदेशी टेक्नोलॉजी पर चर्चा तेज है। कई प्रतिष्ठित लोग और राजनीतिज्ञ भी अब गूगल-माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों की सर्विस छोड़कर स्वदेशी कंपनी जोहो के प्रोडक्ट्स पर शिफ्ट हो रहे हैं। यह देसी ईमेल सेवा अब तेजी से गूगल के जीमेल का ऑप्शन बन रही है। खासकर उन यूजर्स के बीच जो अपनी प्राइवेसी को लेकर सजग हैं और बिना विज्ञापनों के साफ-सुथरे अनुभव की तलाश में हैं। पेशेवर लोग और छोटे कारोबारी इसकी ओर तेजी शिफ्ट हो रहे हैं। क्योंकि इसका यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस, कस्टम डोमेन सपोर्ट और मजबूत प्राइवेसी फीचर्स लोगों को पसंद आ रहा है। गृहमंत्री अमित शाह जोहो मेल से शिफ्ट हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ ने भारतीय टेक कंपनी जोहो के ईमेल सर्विस, जोहो मेल को सुर्खियों में ला दिया है। गृह मंत्री ने X पर पोस्ट कर कहा कि अपने ईमेल को जोहो मेल पर स्विच कर लिया है। नया ईमेल एड्रेस amitshah.bjp@zohomail.in है। भविष्य में ईमेल के जरिए संपर्क के लिए इस नए पते का इस्तेमाल करें। अगर आप भी माइक्रोसॉफ्ट, जीमेल या जूम मीटिंग जैसे टूल्स का ऑप्शन खोज रहे हैं, तो जानते हैं स्वदेशी कंपनी जोहो कैसे अच्छा ऑप्शन बन सकती है... 1. जीमेल-आउटलुक का जवाब है जोहो मेल भारत में फिलहाल सबसे लोकप्रिय हैं गूगल का जीमेल और माइक्रोसॉफ्ट का आउटलुक। इसी का स्वदेशी विकल्प है जोहो मेल। यह कोई नई सुविधा नहीं है। बल्कि कई सालों से इस स्पेस में है। फ्री ईमेल बनाना आसान: mail.zoho.in पर जाएं। यहां पर्सनल या बिजनेस मेल दोनों के विकल्प हैं। डिटेल्स डालकर अकाउंट बनाएं। मोबाइल-डेक्सटॉप दोनों पर इस्तेमाल कर सकते हैं। जोहो मेल क्यों बन रहा है लोगों की पसंद?
2. गूगल ड्राइव की जगह जोहो वर्कड्राइव यह सस्ता विकल्प है। जोहो वर्कड्राइव का स्टारटर प्लान 170 रुपए से शुरू है। इसमें 1 टीबी स्टोरेज मिलता है। अगर फ्री यूजर हैं तो जोहो में आपको 5 जीबी का स्टोरेज फ्री मिलता है। पेड प्लान में सस्ता विकल्प: zoho.com/workdrive/ पर जाएं। अगर आपको अतिरिक्त स्टोरेज की जरूरत है तो अपनी पसंद का प्लान चुनिए। पेड प्लान में गूगल से सस्ता विकल्प है। 3. वॉट्सएप को टक्कर दे रहा अराटाई इसमें वॉट्सएप जैसे लगभग सभी फीचर्स हैं। मैसेजिंग, वीडियो कॉल, कॉलिंग फीचर्स इत्यादि। खास बात है कि इसमें यूजर्स मीटिंग भी शेड्यूल कर सकते हैं। यह भी तुरंत करना संभव है। 1 करोड़ से अधिक यूजर्स: गूगल प्लेस्टोर या एपल स्टोर पर Aratai डाउनलोड करें। जैसे वॉट्सएप पर अकाउंट बनाते हैं, इसमें भी बना सकते हैं। इसके 1 करोड़ से अधिक यूजर्स हो गए हैं। 4. जूम मीटिंग की जगह जोहो मीटिंग ऑनलाइन मीटिंग में जूम-गूगल का विकल्प जोहो मीटिंग्स है। जूम में 40 मिनट का फ्री मीटिंग टाइम मिलता है। जोहो में 60 मिनट तक का फ्री मीटिंग टाइम मिलता है। जूम मीटिंग से सस्ता: zoho.com/meeting/ पर जाएं। यहां से मीटिंग शेड्यूल करना शुरू कर सकते हैं। पेड प्लान भी खरीदने के ऑप्शन हैं। यह जूम से आधी कीमत पर उपलब्ध हैं। जोहो के ये टूल्स भी जानें अराटाई पर यूजर्स के लिए जल्द लाएंगे पेमेंट सिस्टम लोग स्वदेशी टेक पर भरोसा करेंगे? जवाब: इसे आंकड़ों से समझते हैं। आज 10 लाख से अधिक संस्थान हमारे प्रोडक्ट्स इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारा मॉडल प्रॉफिटेबल और भरोसेमंद है। क्लाउड स्टोरेज में हम गूगल से पहले जोहो वर्कड्राइव लॉन्च कर चुके हैं। लोग वॉट्सएप से अराटाई पर शिफ्ट क्यों होना चाहेंगे, क्या खास है? जवाब: मैसेजिंग में हम 2 हफ्ते पहले नहीं आए हैं। 2006 में हमने जोहो क्लिक शुरू किया था। यह मैसेंजिंग कम्युनिकेशन था। हमारा प्लेटफॉर्म विज्ञापन-मुक्त रहेगा। इसमें नए फीचर्स जुड़ेंगे। अराटाई पर पेमेंट सिस्टम जल्द लाएंगे। जोहो वर्कप्लेस सस्ता विकल्प है? जवाब: हमारा फोकस वैल्यू पर रहा है। अगर आप हमारे जोहो इकोसिस्टम का इस्तेमाल करते हैं तो यह कई मायनों में अन्य कंपनियों से सस्ता विकल्प है। यूजर गूगल-माइक्रोसॉफ्ट से जोहो प्लेटफॉर्म पर क्यों आए? जवाब: हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप कोई प्लेटफॉर्म छोड़कर जोहो ही अपनाएं। हमारे पास 55 से अधिक प्रोडक्ट्स हैं। ह्यूमन रिसोर्स से लेकर राइटिंग टूल्स तक। एक पूरा इकोसिस्टम है। हम सिर्फ विकल्प नहीं, इनोवेटर्स हैं।
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