दिवाली भारत का सबसे बड़ा और चमकदार त्योहार है. चारों ओर रंग-बिरंगी रोशनी, दीयों की जगमगाहट, मिठाइयों की खुशबू और बच्चों की हंसी पूरे माहौल को खास बना देती है. लेकिन इस खुशी के माहौल में कुछ ऐसे खतरे भी छुपे होते हैं, जिनपर अगर ध्यान न दिया जाए तो त्योहार की खुशियां एक पल में गम में बदल सकती हैं.
हर साल दिवाली के दौरान पटाखों से जुड़े हादसों की वजह से न जाने कितने बच्चों और बड़ों को गंभीर चोटें आती हैं. खासकर आंखों की चोट सबसे ज्यादा खतरनाक होती है, क्योंकि यह कभी-कभी हमेशा के लिए अंधापन भी ला सकती हैं. इसके अलावा, हाल के वर्षों में लेजर पॉइंटर्स और तेज रोशनी वाले खिलौनों का चलन भी बढ़ा है, जो बिना किसी शोर के धीरे-धीरे बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि पटाखों का शोर और लेजर लाइट्स के बीच दिवाली पर बच्चों की आंखों की सुरक्षा कैसे करें.
पटाखों से दिवाली पर बच्चों की आंखों की सुरक्षा कैसे करें
हर साल, खासकर दिवाली के आसपास डॉक्टर कई सारे गंभीर मामलों का इलाज करते हैं, जिनमें आधे से ज्यादा पटाखों के कारण बुरी तरह घायल होने के मामले होते हैं. इनमें से कई बच्चों को आंखों में जलन या जलने के निशान होते हैं, दृष्टि कम हो जाती है और कुछ मामलों में पूरी तरह से चली भी जाती है. एक मामले में, एक बच्चे की आंख में पटाखे का पाउडर चला गया, जिससे उसकी आंखों के आसपास की स्किन और अंदर के हिस्से गंभीर रूप से जल गए. परिवार वालों ने आंख पर घी लगाया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई.
आखों पर कभी न लगाएं ये चीजें
पटाखे के कारण हादसा होने पर घरेलू नुस्खे जैसे घी, टूथपेस्ट, मक्खन या तेल कभी न लगाएं. इससे जलन और संक्रमण बढ़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पटाखे से आंख में चोट लगे तो सबसे पहले आंखों को न छुएं और न रगड़ें, पानी से न धोएं, क्योंकि इससे अंदर तक जलन पहुंच सकती है. बिना डॉक्टर की सलाह के आई ड्रॉप्स अपने मन से न डालें, आंख को साफ कपड़े या आई पैड से धीरे से ढक दें. बिना देरी के डॉक्टर से मिलें.
लेजर लाइट्स के बीच दिवाली पर बच्चों की आंखों की सुरक्षा कैसे करें
आजकल मार्केट में मिलने वाले लेजर लाइट्स और लेजर पॉइंटर्स बच्चों को बहुत आकर्षित करते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, जब बच्चे इन्हें एक-दूसरे की आंखों पर फोकस करते हैं तो यह रेटिना को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है. सीधे आंखों की रोशनी छीन सकता है, चाहे बाहर से चोट न दिखे. इसलिए बच्चों को समझाएं कि ये सिर्फ खेलने का खिलौना नहीं हैं और ऐसे खिलौने उनके हाथ में न दें.
आंखों की सुरक्षा के लिए क्या करें
पटाखों या झिलमिल करती रोशनी के पास खड़े होते समय बच्चों को सुरक्षा चश्मा पहनाएं. फेस शील्ड या वाइजर पहनने की सलाह दें, बच्चों को पटाखे जलाने के समय हमेशा बड़ों की निगरानी में रखें. पटाखों से सिर्फ आंखें नहीं, बल्कि चेहरा, हाथ और कपड़े भी जल सकते हैं. ऐसे में बच्चों को पटाखे जलाते समय ढीले और सिंथेटिक कपड़े न पहनाएं, कॉटन के टाइट कपड़े पहनाएं और साथ ही जूते पहनाना जरूरी है, ताकि पैरों की सुरक्षा हो सके.
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