भारतीय खाना अपने स्वाद के लिए दुनिया भर में मशहूर है. लेकिन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की नई रिपोर्ट ने इस स्वाद के पीछे सेहत पर होने वाले खतरे का खुलासा किया है. रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों की डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत ज्यादा है और प्रोटीन की मात्रा बहुत कम है. यही वजह है कि देश में मोटापा डायबिटीज और मसल वीकनेस जैसे समस्याएं तेजी से बढ़ रही है.
ICMR की रिपोर्ट में क्या आया सामने?
आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन की तरफ से की गई इस रिसर्च में भारतीय लोगों की डाइट का विश्लेषण किया गया. जिसके अनुसार रिपोर्ट में यह सामने आया कि भारतीयों के खानपान में 65 से 70 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट होता है. जबकि प्रोटीन की मात्रा सिर्फ 10 प्रतिशत होती है. इसका मतलब है कि लोग पेट तो भर लेते हैं, लेकिन शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता है . वहीं इस रिपोर्ट के अनुसार भारतीय थाली में चावल, रोटी और आलू जैसे कार्बोहाइड्रेट वाले फूड सबसे ज्यादा खाए जाते हैं. आईसीएमआर के अनुसार उनकी ज्यादा मात्रा शरीर में शुगर लेवल को बढ़ाती है और फैट जमा करती है, जिससे वजन बढ़ाना, थकान और डायबिटीज जैसी दिक्कतें होती है .
प्रोटीन की कमी से कमजोर हो रहा भारतीयों का शरीर
इस रिपोर्ट के अनुसार एक व्यक्ति को रोजाना करीब 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है, लेकिन ज्यादातर भारतीय सिर्फ अपने खाने से मात्र 35 से 40 ग्राम प्रोटीन ही ले पाते हैं. दाल, दूध ,अंडा और सोया जैसे प्रोटीन भारतीय थाली से लगभग गायब है. जिससे इसका असर इम्यूनिटी और मसल स्ट्रैंथ पर पड़ता है. आईसीएमआर की रिसर्च के अनुसार दक्षिण भारत में लोग चावल पर निर्भर रहते हैं, लेकिन उत्तर भारत में गेहूं का उपयोग ज्यादा करते हैं. वहीं पूर्वोत्तर और तटीय इलाकों में फिश और नारियल से थोड़ा अच्छा प्रोटीन मिल जाता है, लेकिन कुल मिलाकर पूरे देश में डाइट में संतुलन की कमी पाई गई है.
आईसीएमआर की चेतावनी
आईसीएमआर ने लोगों को अपनी डाइट में तुरंत सुधार लाने की सलाह दी है. रिपोर्ट के अनुसार अगर लोग अपनी डाइट में अनाज के साथ प्रोटीन और हेल्दी फैट को शामिल नहीं करेंगे तो आने वाले समय में बीमारियां बढ़ सकती है. वहीं आईसीएमआर की इस रिपोर्ट में सुझाव दिए हैं की थाली में 25 प्रतिशत प्रोटीन, 50 प्रतिशत कार्ब्स और 25 प्रतिशत हेल्दी फैट का संतुलन बनाए रखना जरूरी है. ऐसे में आप रोजाना की थाली में दाल, दूध, अंडा, दही सोया और सब्जियां शामिल कर सकते हैं.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.