कल्पना पटवारी के छठ गीत 'माई के अनादर' में दिखाया गया है कि आज का समाज किस तरह उन माताओं को वृद्धाश्रम भेज देता है, जिन्होंने जीवनभर अपने बच्चों के लिए सब कुछ त्याग दिया.
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