कारोबारी संजय कपूर की अरबों रुपये की संपत्ति को लेकर चल रहे पारिवारिक विवाद ने दिल्ली हाईकोर्ट में नया मोड़ ले लिया. प्रिया कपूर की ओर से पेश वकील राजीव नायर ने अदालत में दलील देते हुए कहा कि वसीयत को लेकर लगाए गए आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट में सजंय कपूर की पत्नी प्रिया कपूर के वकील कोर्ट से कहा करिश्मा कपूर के बच्चों की याचिका में न तो वसीयत की कोई चुनौती दी गई है न ही कोई कानूनी कारण बताया गया है. 30 जुलाई को वसीयत पब्लिक की गई थी और सबको पढ़कर सुनाई गई थी. फिर भी 9 सितंबर को दायर याचिका में इसका कोई जिक्र तक नहीं. वसीयत 15 सितंबर को आधिकारिक रूप से दी गई लेकिन उन्होंने अपने दावे में कोई संशोधन नहीं किया.
वसीयत में गलत स्पेलिंग से वसीयत फर्जी कहना गलत- वकील
दिल्ली हाई कोर्ट में प्रिया कपूर के वकील ने कहा कि ये मामला वसीयत ऑथेंटिकेशन प्रॉसेस का नहीं है और वसीयत की वैधता पर कोई सीधा सवाल नहीं उठाया गया है. कोर्ट में दलील देते हुए उन्होंने कहा अगर किसी का नाम गलत स्पेलिंग में लिखा हो या Testator की जगह Testatrix लिखा हो तो क्या उससे वसीयत अमान्य हो जाएगी क्या इतनी मामूली गलतियों पर किसी व्यक्ति की अंतिम इच्छा को नकारा जा सकता है.
संजय कपूर के सिग्नेचर को किसी ने नहीं नकारा
दिल्ली हाई कोर्ट में प्रिया कपूर के वकील ने दलील देते हुए कहा वसीयत पर संजय कपूर के सिग्नेचर को किसी ने नकारा नहीं है. महज इस आधार पर कि वसीयत देर से सामने आई उसे झूठा नहीं कहा जा सकता. वसीयत सालों तक किसी की जेब या लॉकर में रह सकती है इससे उसकी सच्चाई पर असर नहीं पड़ता है.
सजंय कपूर के बच्चों ने जताई थी वसीयत पर आपत्ति
दिल्ली हाई कोर्ट में संजय कपूर के बच्चों ने दावा किया कि वसीयत में उनके नाम गलत लिखे गए हैं और कई जगह उनके पते भी गलत हैं जो उनके पिता की समझदारी और सटीकता के बिल्कुल उलट है. उन्होंने कहा कि ये वसीयत फर्जी और अपमानजनक है. फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी. ऐसे में देखना बेहद अहम है कि सजंय कपूर की वसीयत के इस विवाद में राहत किसे मिलती है.
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