स्मृति ईरानी के शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी में इन दिनों तुलसी की दोस्त पार्वती की एंट्री हो चुकी है. शांति निकेतन में पार्वती की एंट्री के बाद से एक अलग सा ही माहौल देखने को मिल रहा है. पार्वती के आगे किसी की आवाज नहीं निकल रही है.
शो में अभी तक देखने को मिला कि मिहिर ने अपनी बेटी परिधि को अपना पुराना घर देने की घोषणा की है. लेकिन, इसी बीच पता चलता है कि उस घर को पार्थ ने किसी और से बेच दिया है. पार्थ ने जिससे घर बेचा होता है वो कोई और नहीं बल्कि पार्वती और ओम होते हैं.
परिधि को सबक सिखाएगी पार्वती
पार्वती और ओम शांति निकेतन आते हैं, जहां मिहिर उनसे घर वापस लेने की बात कहता है.पार्वती वीरानी परिवार के रवैये से खुश नहीं होती है. ऐसे में वो घर देने की को इग्नोर करती रहती है.इधर, परिधि बार-बार उसके सामने जिक्र करती है कि पापा वो प्रॉपर्टी मेरे नाम करना चाहते हैं.
इस बात को सुन पार्वती को गुस्सा आ जाता है. हालांकि, शो में ट्विस्ट तब आता है जब पार्वती सच्चाई सामने लाती है. दरअसल, पार्वती कहती है कि वो घर जितना बा के दिल के करीब था, उतनी ही तुलसी उनके दिल के करीब थी. ऐसे में बा चाहती थी कि ये अमानत तुलसी को सौंपी जाए.
तुलसी होगी इमोशनल
दरअसल, पार्वती पूरे परिवार के सामने बा के लेटर को पढ़कर सुनाती है. उस लेटर में बा ने तुलसी और उस घर की खूबियों के बारे में लिखा होता है. तुलसी और परिवार के लोग बा की लिखी बातें सुनकर इमोशनल हो जाते हैं. लेकिन, परिधि कभी नहीं सुधर सकती.
उसके बाद तुलसी बताती है कि बा ने वो घर तुलसी के नाम किया है. वो चाहती थी कि ये घर तुलसी का हो. ऐसे में वो घर के डॉक्यूमेंट्स तुलसी को देती है. साथ ही ये भी कहती है कि इस घर को कोई नहीं बेच सकता ना तुलसी के पति ना तुलसी के बच्चे. ऐसे में परिधि के सपनों पर पानी फिर जाता है.
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