हमारे टोले से बस डेढ़ किलोमीटर दूर है लोकनायक जयप्रकाश नारायण का पैतृक घर. सरकारों ने मिलकर वहां राष्ट्रीय स्मारक और पुस्तकालय बनाया है. लेकिन विडंबना यह है कि वह स्मारक ज्यादातर वक्त ताले में बंद रहता है. ताला तभी खुलता है जब कोई मंत्री या बड़ा नेता आता है.
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