उद्योग संगठन भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (Bharatiya Udyog Vyapar Mandal - BUVM) ने अनुमान लगाया है कि मौजूदा त्योहारी और आगामी शादी-ब्याह के सीजन में देशभर में 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होगा.
मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ देश के बाजारों में जबरदस्त रौनक लौटी है और विभिन्न क्षेत्रों में कुल 7.58 लाख करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद है. यह अनुमान मंडल द्वारा देशभर में किए गए बाजार सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई.
त्योहारी सीजन से इकोनॉमी को बूस्ट
बाबूलाल गुप्ता ने कहा, “उपभोक्ताओं की बढ़ती खरीदारी क्षमता, स्थानीय उत्पादों के प्रति बढ़ती रुचि और जीएसटी व्यवस्था में सुधार ने खुदरा और थोक व्यापार को नई ताकत दी है.” उन्होंने बताया कि वाहन, रियल एस्टेट, किराना, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, पारंपरिक सजावट, परिधान और सूखे मेवों जैसे सभी क्षेत्रों में बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. खासकर छोटे और मझोले शहरों में घरेलू निर्माताओं के उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है.
मिट्टी के दीये और मूर्तियों जैसी पारंपरिक हस्तनिर्मित वस्तुओं की मांग भी त्योहारी परंपराओं के कारण बढ़ी है. वहीं, ग्रामीण बाजारों में भी फसल कटाई के बाद आय में वृद्धि और शादी-ब्याह के खर्चों के चलते बिक्री मजबूत रही है. गुप्ता ने बताया कि पटाखों की बिक्री भी समग्र व्यापार में अहम योगदान दे रही है. अकेले उत्तर प्रदेश में इस क्षेत्र में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री का अनुमान है.
रियल एस्टेट से ऑटोमोबाइल तक बूम
उन्होंने आगे कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र — जिसमें कार, दोपहिया और ई-रिक्शा शामिल हैं — लगभग 1.30 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित बिक्री के साथ सबसे आगे है. इसके बाद रियल एस्टेट और निर्माण सामग्री क्षेत्र 1.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ दूसरे स्थान पर हैं.
आवश्यक वस्तुओं का कारोबार लगभग 1 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. गुप्ता ने बताया कि मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों से लेकर उत्तर भारत के छोटे शहरों तक, दुकानदारों को आतिशबाजी और त्योहारी सामानों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल रही है. त्योहारी सीजन की शुरुआत नवरात्रों से हुई है और दिवाली के बाद शादियों के मौसम के चलते यह रफ्तार आगे भी जारी रहने की उम्मीद है.
मंडल की विशेष समिति ने यह अनुमान दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, जयपुर, चंडीगढ़, कानपुर, पटना, इंदौर, रायपुर, रांची, हरिद्वार, त्रिपुरा और कटक जैसे प्रमुख व्यापारिक केंद्रों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर तैयार किया है. इन शहरों के व्यापारियों ने स्थानीय बिक्री के रुझानों को साझा कर राष्ट्रीय अनुमान बनाने में सहयोग दिया.