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    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे... चीन ने ऐसी दबाई दुखती नस, बिलबिलाए अमेरिका ने भारत से मांगी मदद

    5 days ago

    US seeks Help from India: अमेरिका पिछले कुछ समय से भारत से लगातार पंगे ले रहा है. कभी टैरिफ लगा रहा है, तो कभी रूस से तेल की खरीद को लेकर पेनाल्टी लगाई जा रही है. अब जब चीन ने अमेरिका की दुखती नस दबा दी, तो बिलबिलाया अमेरिका अब भारत से मदद मांगने के लिए मजबूर हुआ. दरअसल, हाल ही में चीन ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स के निर्यात पर प्रतिबंध और कड़े करने का ऐलान किया.

    रेयर अर्थ एक्सपोर्ट कंट्रोल की लिस्ट में ये शामिल

    चीन ने पहले अप्रैल में सात रेयर अर्थ के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है. अब इस लिस्ट में पांच और रेयर अर्थ शामिल कर लिए गए है जिनमें  होल्मियम, अर्बियम, थुलियम, यूरोपियम और यटरबियम शामिल हैं. पहले के सात रेयर अर्थ में-  सैमेरियम, गैडोलीनियम, टेरबियम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेटियम, स्कैंडियम और यट्रियम शामिल थे.

    चीन के रूख से नाराज अमेरिका

    अब जाहिर सी बात है कि इससे अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देशों पर असर पड़ेगा क्योंकि इन रेयर अर्थ का इस्तेमाल स्मार्टफोन बनाने से लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल और विंड टर्बाइन तक में होता है. रेयर अर्थ के लिए अमेरिका की चीन पर निभर्रता काफी ज्यादा है. अमेरिका चीन से 70 परसेंट तक रेयर अर्थ मंगाता है. चीन के इस रूख ने अमेरिका को परेशान कर दिया है. पहले इस पर पलटवार करते हुए चीनी प्रोडक्ट्स पर 100 परसेंट टैरिफ लगाया गया और अब अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने इस मामले में भारत से मदद मांगी है.

    अमेरिका ने भारत से मांगी मदद

    CNBC को दिए एक इंटरव्यू में बेसेंट ने कहा, ''हम अपने यूरोपीय सहयोगियों, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत और एशियाई देशों के साथ बातचीत करेंगे और सभी मिलकर चीन के इस कदम के खिलाफ अपना रिएक्शंस देंगे. उनका कहना है कि चीन का यह कदम सिर्फ अमेरिका के लिए परेशानी की बात नहीं है.''

    उनका कहना है कि दुनियाभर के तमाम देशों में रेयर अर्थ की सप्लाई बनी रहे इसके लिए सबको मिलकर काम करना चाहिए. भारत पहले ही इसकी सप्लाई चेन में विविधता लाने के अमेरिका के प्रयासों में शामिल हो गया है. साल 2023 में भारत औपचारिक रूप से Minerals Security Finance Network (MSFN) का हिस्सा बन गया. यह अमेरिका के नेतृत्व में की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य रेयर अर्थ की सप्लाई चेन को सिक्योर करने के लिए सदस्यों के बीच सहयोग को बढ़ाना है.

     

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