20 अक्टूबर को ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ को रिलीज हुए 30 तीस साल पूरे हो गए हैं। फिल्म में शाहरुख खान के कूल पिता का रोल निभाने वाले अनुपम खेर ने इससे जुड़ी अपनी यादें शेयर की हैं। अपने एक हालिया इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा से पता था कि ये फिल्म खास होगी। इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा का ग्रामर और रिदम बदल दिया। इस वजह से ये एक कल्ट फिल्म बनी। फिल्म की स्क्रीनिंग को याद करते हुए एक्टर ने बताया- 'जब स्क्रीनिंग खत्म हुई, तब एक मिनट तक सन्नाटा छा गया था। वो एक मिनट ऐसा लगा कि जैसे छह घंटे बीत गए हो। हर कोई बस जो उन्होंने देखा था, उसे आत्मसात कर रहा था। और फिर पूरा थिएटर तालियों से गूंज उठा। स्टैंडिंग ओवेशन का सिलसिला थम नहीं रहा था। तभी हमें एहसास हुआ कि इस फिल्म ने लोगों को अंदर तक छुआ है।' अनुपम ने कहा कि आदित्य चोपड़ा की इस फिल्म ने कई सिनेमाई परंपराओं को तोड़ा। खासकर के एक पेरेंट्स और हीरो को लेकर। इस फिल्म ने मिथ को तोड़ा है। फिल्म का हीरो राज लड़की के साथ भागने के बजाए उसके पिता की अनुमति का इंतजार करता है। यह अपने समय के हिसाब से क्रांतिकारी था। फिल्म के सीन्स पर बात करते हुए अनुपम ने अपना फेवरेट सीन भी बताया। उन्होंने अपने और शाहरुख खान के बीच फिल्माए गए उस आईकॉनिक सीन का जिक्र किया, जिसमें वो शाहरुख से कहते हैं- ‘हम तो हिंदुस्तान में फेल हुए थे, तुमने लंदन में फेल होकर दिखा दिया।’ अनुपम ने इस सीन के लिए कहा- वो सीन बहुत खास था। शाहरुख इम्प्रोवाइजेशन में माहिर हैं और हमें एक्सपेरिमेंट करने में बहुत मजा आया। वहीं, फिल्म में कूल डैड के अपने किरदार को लेकर उन्होंने कहा- लोग आज भी मुझसे कहते हैं कि काश मेरे पिता डीडीएलजे वाले पिता जैसे होते। इससे पहले परदे पर लोगों ने ऐसा पिता कभी नहीं देखा था। एक ऐसा व्यक्ति जो सिर्फ गार्जियन न होकर एक मोटिवेट करने वाला दोस्त था। डीडीएलजे ने 90 के दशक के सबसे बेहतरीन पिता दिया।
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