Trump Attack on BRICS: इस साल दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाकर हलचल मचाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब अमेरिकी करेंसी डॉलर को लेकर चिंतित हैं. वैश्विक महाशक्ति अमेरिका के इस सुप्रीमो को लग रहा है कि डॉलर के खिलाफ एक बड़ी साजिश रची जा रही है, और इसके पीछे उन्होंने ब्रिक्स देशों को जिम्मेदार ठहराया है. ट्रंप ने ब्रिक्स को अमेरिकी डॉलर पर 'हमला' करार देते हुए दावा किया कि उन्होंने उन देशों को टैरिफ लगाने की धमकी दी, जो ब्रिक्स में शामिल होना चाहते थे — जिसके बाद वे पीछे हट गए.
डॉलर पर किसका खतरा?
ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं. ट्रंप का कहना है कि यह समूह 'अमेरिका-विरोधी नीति' अपना रहा है, इसलिए वे इन देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी देते रहे हैं. दूसरी ओर, ब्रिक्स देशों ने ट्रंप द्वारा मनमाने ढंग से लगाए जा रहे टैरिफ को लेकर गंभीर चिंता जताई है, क्योंकि इससे वैश्विक व्यापार पर असर पड़ता है.
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ द्विपक्षीय बैठक में ट्रंप ने कहा कि डॉलर को लेकर उनका रुख बेहद कड़ा है और, “जो कोई भी डॉलर में लेन-देन करना चाहता है, उसे उन लोगों की तुलना में लाभ मिलेगा जो ऐसा नहीं करना चाहते.”
क्यों डर रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप?
ट्रंप ने कहा- 'मैंने उन सभी देशों से कहा जो ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं... ठीक है, लेकिन हम आपके देश पर टैरिफ लगाएंगे. हर कोई पीछे हट गया. ब्रिक्स, डॉलर पर हमला है.” उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई देश ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है, तो मैं अमेरिका में आने वाले आपके सभी उत्पादों पर शुल्क लगा दूंगा.'
ब्रिक्स देशों ने पिछले महीने अपने बयान में कहा था कि टैरिफ में इस तरह की “अंधाधुंध वृद्धि” वैश्विक व्यापार को बाधित कर सकती है और यह व्यापार-प्रतिबंधात्मक नीतियों को बढ़ावा देती है. ट्रंप प्रशासन ने इस साल कई देशों पर उच्च शुल्क लगाए हैं.
भारत पर भी असर
गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत से आयातित उत्पादों पर 25 प्रतिशत बेस टैरिफ के अलावा, रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने के चलते अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क भी लगा रखा है. इस तरह भारतीय निर्यात पर कुल 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ लागू है, जिससे भारत-अमेरिका व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.